विटामिन क्या है, स्रोत, रोग, विटामिन के प्रकार, फायदे, कारण, लक्षण (Vitamins in Hindi, What is Vitamin, Types, Source, Symptoms, Chemical Name)
विटामिन हमारे शरीर के उचित कार्य के लिए आवश्यक है वे हमारी आंखों, हड्डियों, दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करते है। विटामिन एंजाइमों को अपना कार्य करने में भी मदद करता है। यह हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है, और होने वाले बीमारी से रक्षा करती है, इसलिए इसे शरीर का “रक्षात्मक पदार्थ” भी कहा जाता है। ये कार्बोहाइड्रेट्स, वसा, और प्रोटीन जैसे अन्य पोषक तत्वों के उचित उपयोग के लिए आवश्यक है इनकी बहुत कम मात्रा में अवश्यकता होती है 13 विटामिन है, जिनमे से प्रत्येक का एक विशिष्ट कार्य है उन्हे विटामिन A, B, C, D, E और K के नाम से जाना जाता है कुछ विटामिन पानी में घुलनशील होते है और कुछ वसा में घुलनशील होते है। विटामिन की खोज 1912 में कासिमिर फंक द्वारा किया गया था।

विटामिन (Vitamins) | स्रोत(Sources) | कार्य(Functions) | कमी से होने वाले रोग(Deficiency Disease) | लक्षण(Symptoms) | विटामिन की खोज |
विटामिन A | हरी सब्जी, फल, अंडा,गाजर, चीज़ मक्खन, डेयरी उत्पाद औरमछली | आंख, बालतव्चा, हड्डीमसूडा और नाखून को स्वस्थ रखती है। | रतौंधी | गर्भधारण में कमी, रूखी त्वचा, मोतियाबिंद, मुंहासे, गले में संक्रमण, कमज़ोर हड्डियां इत्यादि। | 1909 |
विटामिन B1 | अंडा, अनाज और अंकुरित अनाज, हरी सब्जियां | पाचन में सहायक, तंत्रिका तंत्र को बनाए रखता है। | बेरीबेरी | नसों की सुजन, पाचन संबंधी समस्याएं और ह्रदय के दौरे इत्यादि। | 1912 |
विटामिनB2 | अंडा, दूध, हरी सब्जियां | तव्चा और मुंह को स्वस्थ रखता है। | तव्चा संबंधी बीमारी | आंखों में जलन, तव्चा और आंतों के बीमारी, जीभ में सूजन इत्यादि। | 1920 |
विटामिनB3 | अंडा, मछली, अनाज, मांस, मूंगफली | पाचन तंत्र और तव्चा को स्वस्थ रखने का कार्य करती है। भोजन को ऊर्जा में बदलती है। | पेलाग्रा | पाचन से संबंधित समस्या, तव्चा पर फुंसी, मानसिक बीमारी, थकान घबराहट इत्यादि। | 1936 |
विटामिनB5 | अंडा, मूंगफली, बादाम, दूध के उत्पाद, फूलगोभी | बाल, आंख और दिल को सेहत बनाएं रखने में मदद करती है। वसा और कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा में बदलने का भी कार्य करती है। | बाल सफेद होना | पैरों में जलन, अंगों में दर्द, चक्कर आना, पेट दर्द, कब्ज,उल्टी लगना, लकवा इत्यादि। | 1931 |
विटामिनB6 | गाजर, दूध,केला, पालक, चिकन, मछली, फल, मांस | तंत्रिका कार्य, तव्चा, आंख, लिवर और अन्य अंगों को स्वस्थ रखती है। | एनीमिया, तव्चा रोग | इम्यूनिटी कमज़ोर होना, होंठ फटना, दौरे पड़ना, हाथ- पैर में दर्द, गले में सूजन, मस्तिष्क की समस्या इत्यादि। | 1934 |
विटामिनB7 | ब्रोकली, फूलगोभी, बादाम, मूंगफली, सोयाबीन, चिकन, अंडा | वसा, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन को तोड़ने के लिए एंजाइम की मदद करता है। | लकवा | आंख का लाल होना और खुजली होना, शरीर में दर्द, बाल झड़ना इत्यादि। | 1931 |
विटामिनB9 | चुकंदर, शलजम, सरसों का साग, अंकुरित अनाज, हरी सब्जियां इत्यादि। | यह क्षति कोशिका को बढ़ने में मदद करती है। | एनीमिया, पेचिस रोग | थकान, कमज़ोरी, गुस्सा आना, सांस फूलना, चिड़चिड़ापन इत्यादि | 1941 |
विटामिनB12 | लाल मांस, दूध और दूध से बने उत्पाद | लाल रक्त कोशिका, DNA और तंत्रिका कोशिकाओं को मजबूत करने में मदद करता है | एनीमिया | पीली तव्चा, शक्ति और भूख की कमी, बार बार सिर दर्द होना इत्यादि। | 1926 |
विटामिन C | खट्टे फल जैसे संतरा, नींबू, टमाटर और अंकुरित अनाज | संक्रमण से बचाने में मदद करता है और दांत, मसूड़ों और जोड़ों को स्वस्थ रखता है। | स्कर्वी | दातों का गिरना, मसूड़ों से रक्त बहना, तव्चा का रूखापन, खुजली, कमज़ोरी, अंगों में दर्द इत्यादि । | 1912 |
विटामिन D | दूध, मछली, अंडा और धूप | बच्चों में हड्डियों के सामान्य विकास में सहायता करता है। | रिकेट्स | हड्डी का कमज़ोर होना, रक्त दाब/ब्लड प्रेशर की समस्या, पसलियों का नरम होना इत्यादि। | 1918 |
विटामिन E | बादाम, पालक, कद्दू, लाल शिमला मिर्च, कीवी, टमाटर, एवोकाडो, वनस्पति तेल | कोशिका का निर्माण करना, लाल रक्त कोशिका का निर्माण, मांसपेशियों को सामान्य रूप से बनाए रखने में कार्य करता है। | जनन शक्ति का कम होना | मांसपेशियों में कमजोरी आना, आंखों से कम दिखाई देना, कमज़ोरी, बाल झड़ना और पाचन संबंधी समस्याएं इत्यादि। | 1922 |
विटामिन K | साग, गोभी और हरी सब्जी | रक्त को थक्का बनाने में मदद करता है/ खून बहने से रोकना | हीमोफीलिया | अत्यधिक रक्त का बहना, दांत एवं मसूड़ों से संबंधित समस्या, हड्डियों की समस्या इत्यादि। | 1929 |
Vitamins in Hindi
Table of Contents
विटामिन के स्रोत (Sources Of Vitamins):
मांस, मछली, मक्खन, दूध, फल, और सब्जी, कॉड लिवर तेल (Cod liver oil) इत्यादि विटामिन के स्रोत है।
विटामिन के प्रकार (Types Of Vitamins)
कार्य के आधार पर विटामिन को दो भागों में बांटा गया है –
- जल में घुलनशील विटामिन (Water soluble vitamins)
- वसा में घुलनशील विटामिन (Fat soluble vitamins)
जल में घुलनशील विटामिन
विटामिन जो पानी में घुलनशील होते है और लंबे समय तक शरीर में संग्रहित/जमा नही किए जा सकते है। हमारे शरीर में इसकी नियमित रूप से अवश्यकता होती है, और अधिक मात्रा में होने पर हमारे शरीर द्वारा इसे जल के रूप में बाहर निकाल दिया जाता है। विटामिन B के सभी रूप और विटामिन C पानी में घुलनशील होते है। पानी में घुलनशील विटामिन के नाम नीचे दिए गए है:-
विटामिन C
यह हमारे शरीर में प्रोटीन को बनाने में आवश्यक तत्व है। यह हमारे शरीर को संक्रमण से बचाने का कार्य करता है। शरीर की कोशिकाओं का पुनर्निर्माण के लिए विटामीन C आवश्यक होता है। खट्टे फल जैसे; नींबू, कीवी, संतरा इत्यादि इसके प्रमुख स्रोत है, इसमें विटामिन C भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसका सही मात्रा में सेवन नही करने से तव्चा का रूखापन, खुजली, भूख न लगना इत्यादि बीमारी उत्पन्न हो जाता है।
विटामीन B1
इसे थायमिन के नाम से भी जाना जाता है। यह शरीर में मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स को ऊर्जा में बदलने का कार्य करती है, जिससे हड्डी, ह्रदय, इम्यून सिस्टम इत्यादि को फायदा मिलता है। दूध, अंडा, मांस हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज इत्यादि इसके प्रमुख स्रोत है। विटामिन B की कमी से हाथ पैर अकड़ना, वजन में कमी, पाचन क्रिया की समस्या इत्यादि बीमारी उत्पन्न होता है।
विटामिन B2
यह स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है जो शरीर में एंटीऑक्सीडेंट का कार्य करता है। भोजन को पचाने इत्यादि में यह मदद करती है। आंख, तव्चा, मांसपेशियां और नस स्वस्थ रहती है। अनाज, हरी सब्जियां और दूध से बने उत्पाद इत्यादि का सेवन करना चाहिए। विटामिन B2 की कमी से एनीमिया, तंत्रिका संबंधी बीमारियां, हृदय रोग इत्यादि बीमारी हो सकता है।
विटामिन B3
इसे नियासिन के नाम से भी जाना जाता है। यह विटामिन हमारे शरीर के तंत्रिका तंत्र, पाचन तंत्र, तव्चा को स्वस्थ बनाए रखने इत्यादि में मदद करती है। अंडा, मछली, अनाज, मांस और मूंगफली इसके प्रमुख स्रोत है, इसका सही मात्रा में सेवन करने से हमारा शरीर बीमारियों से दूर रहता है। इसकी कमी से कब्ज, दस्त, तव्चा रूखापन इत्यादि जैसी समस्या हो सकता है।
विटामिन B5
इसे पैंटोथेनिक अम्ल भी कहा जाता है। यह तव्चा, आंख, बाल, हृदय, और व्यक्ति द्वारा खाए गए भोजन को ऊर्जा में बदल देती है, जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते है। इसके प्रमुख स्रोत मूंगफली, आलू, सूरजमुखी के बीज इत्यादि है। इसकी कमी से मांसपेशियों में दर्द, सिर दर्द, गले में खराश, कमज़ोरी, चक्कर इत्यादि होते है।
विटामिन B6
यह शारीरिक और मानसिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह तंत्रिका कार्यों, तव्चा, आंखों और शरीर के अन्य अंगों को स्वस्थ रखने का कार्य करती है। इसके अतरिक्त यह हीमोगग्लोबिन बढ़ाने का भी कार्य करती है। गाजर, दूध केला, पालक, चिकन इत्यादि इसके स्रोत है। इसके लक्षण तव्चा पर घाव होना, अंग सुन्न होना, सूर्य की रोशनी से तव्चा पर जलन होना, सीने में जलन, उल्टी और मांसपेशियों में परेशानी आना इत्यादि है।
विटामिन B7
इसे बायोटीन भी कहा जाता है। वसा, कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन को तोड़ने में एंजाइम का मदद करती है। ब्रोकली, फूलगोभी, बादाम, मूंगफली, सोयाबीन, अंडा, और चिकन का सेवन करना चाहिए। विटामिन B7 की कमी से मानसिक तनाव, आंखों का लाल होना, खुजली इत्यादि की बीमारी हो जाती है।
विटामिन B9
इसे फोलिक एसिड कहा जाता है। यह मृतक कोशिका का पुनर्निर्माण करता है, और साथ ही तनाव, और कैंसर जैसे गंभीर समस्या से दूर रखती है। अंडा, अंकुरित अनाज, हरी सब्जी, चुकंदर इत्यादि का सेवन करना चाहिए। शरीर में इसकी कमी होने पर कमज़ोरी, थकान, गुस्सा आना, सांस फूलना, खून की कमी इत्यादि जैसी बीमारी से ग्रसित हो सकते है।
विटामिन B12
यह एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, जो हमारे शरीर को तंत्रिका कोशिकाओं और रक्त कोशिकाओं को स्वस्थ रखने का कार्य करता है, इसके अतिरिक्त DNA को बनाने में भी मदद करता है। इसके स्रोत अंडा, दूध, दही और पनीर इत्यादि है। विटामिन B12 की कमी से एनीमिया होता है क्योंकि हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं नही होती है।
वसा में घुलनशील विटामिन
विटामिन जो वसा में घुलनशील होते है और शरीर में संग्रहित किए जा सकते है, और शरीर में लंबे समय तक बने रहते है। वसा में घुलनशील विटामिन
विटामिन A
इसकी खोज 1913 में एल्मर वी. मैकुलम और मार्गुराइट डेविस ने की थी। यह पानी में घुलनशील होता है। विटामिन A की कमी से रतौंधी हो जाता है, जिससे कम दिखाई देना लगता है। विटामिन A हमारे शरीर की क्षमता को बढ़ाने में, शरीर की वृद्धि एवं विकास, भ्रूण के विकास, आंखों की रोशनी के लिए आवश्यक होती है। फल, मांस, अंडा, मछली का तेल, गाजर इत्यादि विटामिन A के स्रोत है। इनका उपयोग सही मात्रा में नही लेने पर गर्भधारण में कमी, गले में खरास, मोतियाबिंद इत्यादि जैसे अनेक बीमारी हमारे शरीर में उत्पन्न हो सकती है।
विटामिन D:
इसे कोलेकेल्सिफेरोल/ विटामिन D3 या एर्गोकैल्सिफेरॉल D2 के नाम से जाना जाता है। विटामिन D की कमी से रिकेट्स बीमारी होती है। यह हमारे शरीर की हड्डियों को मजबूत रखती है, दांत और शरीर के अन्य भाग को भी मजबूत रखती है। मछली, मक्खन, अंडा और लाल मांस का सेवन करना चाहिए, और हमारे शरीर को धूप लगाना बहुत जरूरी है। विटामिन D की कमी से हड्डियों में कमज़ोर, पत्थर होना, ब्लड प्रेशर इत्यादि बीमारी हो जाती है।
विटामिन E
यह विटामिन कोशिकाओं का निर्माण, लाल रक्त कोशिका को निर्माण, शरीर के विभिन्न अंगों को सामान्य रूप से बनाए रखने में मदद करता है। हरी सब्जियां, वनस्पति तेल, मेवा इत्यादि इसके प्रमुख स्रोत है। विटामिन E की कमी से ह्रदय संबंधित समस्याएं, आंखों में कमजोरी, शरीर के अंगों का सुन्न होना, मांसपेशियों की कमज़ोरी इत्यादि बीमारी हो जाती है।
विटामिन K
इसकी कमी से हीमोफिलिया बीमारी उत्पन्न होती है। विटामिन K हमारे शरीर में रक्त को थक्का बनाने के लिए, इसके माध्यम से चोट लगने से रक्त बंद हो जाता है और रक्त में कैल्शियम को सामान्य रूप से बनाए रखने में मदद करती है। विटामिन K के प्रमुख स्रोत हरी सब्जियां, पालक, सरसो इत्यादि है। इसका सही मात्रा में सेवन नही करने पर हड्डियों का घिसाकना, रक्त का बहना, दांत एवं मसूड़ों से संबंधित बीमारी उत्पन्न होती है। पीली तव्चा, जीभ में सूजन और लाल होना, मुंह में छाले इत्यादि बीमारी उत्पन्न होती है।
FAQ
Q. विटामिन B3 को किस नाम से जाना जाता है?
Ans: नियासिन
Q. विटामिन C की कमी से कौन सी बीमारी होती है?
Ans: स्कर्वी
Q. विटामिन B9 को किस नाम से जाना जाता है?
Ans: फोलिक एसिड
Q. मनुष्य के शरीर में इन्फेक्शन रोकने के लिए कौन सी विटामिन कार्य करती है?
Ans: विटामिन A
Q. Vitamin A और B की खोज किसने की थी?
Ans: मैकुलन