हिमाचल प्रदेश की प्रमुख घाटियां | Famous Valleys of Himachal Pradesh

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हिमाचल प्रदेश की प्रमुख घाटियां, सांगला या बस्पा घाटी, इमला-विमला घाटी, काँगड़ा घाटी, कुल्लू घाटी, क्यारदा दून घाटी (Famous Valleys of Himachal Pradesh in Hindi) (Sangla and Baspa Valley, Emla-Vimla Valley, Kangra Valley, Kullu Valley, Dun Valley)

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हिमाचल प्रदेश में घूमने के लिए मंदिर, झीलें बहुत से प्रमुख स्थान है लेकिन हजारों फ़ीट की उचाई पर स्थित हिमाचल प्रदेश की घाटियाँ चार चाँद लगा देती है तो आज हम उन प्रमुख घाटियों के बारे में बताएगे जिनके बारे में हिमाचल प्रदेश की प्रतियोगी परीक्षा में प्रश्न पूछे जाते है।

Valleys of Himachal Pradesh 

हिमाचल प्रदेश की प्रमुख घाटियां

घाटियों के नाम जिलों के नाम 
चम्बा घाटी चम्बा 
काँगड़ा घाटी काँगड़ा 
बल्ह घाटी मण्डी 
चुराह घाटी मण्डी 
लाहौल घाटी लाहौल स्पीति 
पब्बर घाटी शिमला 
क्यारदा दून घाटीसिरमौर 
सांगला या बस्पा घाटीकिन्नौर 
कुनिहार घाटी सोलन 

काँगड़ा घाटी (Kangra Valley)

काँगड़ा घाटी शाहपुर से लेकर पालमपुर तक फ़ैली है काँगड़ा घाटी के प्रसिद्ध शहर पालमपुर,नूरपुर, काँगड़ा, बैजनाथ धर्मशाला है  काँगड़ा घाटी बीर बिलिंग हैंग ग्लाइडिंग का प्रसिद्ध स्थान है काँगड़ा घाटी को वीर भूमि के नाम से भी जाना जाता है  इस घाटी के किसी भी कोने से सफेद बर्फ से ढकी धौलाधर पर्वत श्रखला दिखाई पड़ती है काँगड़ा घाटी पश्चिम से पूर्व की और बढ़ती है शाहपुर से पालमपुर तक ऊपर उठती है इस घाटी में काँगड़ा चित्रकला भी बहुत प्रसिद्ध है। 

सांगला या बस्पा घाटी (Sangla and Baspa)

सांगला घाटी किन्नौर जिले की प्रसिद्ध घाटी है इस घाटी का उद्गम बस्पा नदी से होता है सांगला घाटी समुद्रतल से 1830 से 3475 मीटर के बीच उँचाई पर स्थित है सांगला घाटी पर स्थित देश का आखिरी और सबसे उँचा गाँव छितकुल भी स्थित है ‘कामरू’ व ‘सांगला’ बस्पा घाटी के प्रमुख गाँव है प्रसिद्ध चुग शकागो दर्रा बस्पा घाटी में स्थित है सांगला घाटी को बस्पा घाटी के नाम से भी जाना जाता है इसके अलावा किन्नौर जिले में हंग-रंग घाटी रोपा घाटी अन्य प्रसिद्ध घाटियाँ स्थित है सांगला घाटी सबसे अधिक सुगन्धित घाटी है।       

कुल्लू घाटी (Kullu Valley)

कुल्लू घाटी को देवी देवताओँ की घाटी भी कहाँ जाता है इस घाटी में पाए जाने वाले देवदार और सेब के वृक्ष कुल्लू घाटी सुन्दरता को बढ़ाते है कुल्लू घाटी की लम्बाई 75 किलोमीटर और चौड़ाई 2 से लेकर 4 किलोमीटर है कुल्लू घाटी समुद्रतल से 1200 मीटर की उँचाई पर स्थित है कुल्लू की रूपी घाटी चांदी की खानों के लिए बहुत प्रसिद्ध है और इस घाटी में जड़ी बूटियाँ भी पाई जाती है कुल्लू घाटी के मुख्य शहर कुल्लू, मनाली, आनी, नग्गर, बंजार, भुंतर आदि है।     

बल्ह घाटी (Balh Valley)

बल्ह घाटी मण्डी जिले में स्थित समुद्रतल से 800 मीटर की ऊंचाई पर मैदानी भागों में स्थित है बल्ह घाटी सुंदरनगर घाटी के नाम से भी प्रसिद्ध है बल्ह घाटी के उत्तर में गुटकेर से लेकर पश्चिम में सुंदरनगर तक फैली है साकेती नाला बल्ह घाटी के बीचों बीच बहता है वर्ष 1962 से भारतीय जर्मन संयुक्त कृषि परियोजना बल्ह घाटी में चलाई जा रही है जिससे इस परियोजना के तहत मिश्रित खेती पर बल दिया गया है भू-सरक्षण और खाद बनाना इस परियोजना के अंग थे मण्डी जिले में बल्ह घाटी के अलावा देमी घाटी भी प्रसिद्ध है देमी घाटी 10 किलोमीटर लंबी और 5 किलोमीटर चौड़ी है देमी घाटी की मिट्टी अधिक उपजाऊ है इस घाटी में जौ, गेहूं,अदरक, अनेक प्रकार की फसल उगाई जाती है। 

चम्बा घाटी (Chamba Valley)

चम्बा घाटी रावी घाटी के नाम से भी प्रसिद्ध है चम्बा घाटी के बीचो बीच रावी नदी बहती है चम्बा, भरमौर, खजियार, डलहौजी, चम्बा घाटी के प्रमुख स्थान है चम्बा घाटी में ज्यादातर गददी जनजाति के लोग रहते है चम्बा घाटी के लोगो को चम्ब्याल नाम से भी बुलाया जाता है खजियार चम्बा घाटी का प्रसिद्ध पयटक स्थल है जिसे मिनी स्विट्ज़रलैंड के नाम से जाना जाता है चम्बा घाटी अलावा चम्बा जिले में बदल, भैरव, पांगी, सूरल आदि घाटियाँ स्थित है  चम्बा घाटी में पीपल और शीशम के पेड़ पाए जाते है।         

लाहौल स्पीति घाटी (Lahaul Spiti Valley)

लाहौल घाटी हिमाचल प्रदेश की सबसे अधिक ऊंचाई पर पाई जाने वाली घाटी है समुद्रतल से लाहौल घाटी की ऊंचाई 3000 मीटर से 6500 मीटर तक है यह घाटी जांस्कर और बृहद हिमालय के बीच में स्थित है लाहौल घाटी में मुख्यतः आलू की फसल उगाई जाती है और इस घाटी में अल्पाइन वृक्ष पाये जाते है लाहौल घाटी से चन्द्रा और भागा नदियोँ का उदगम भी होता है लाहौल की भागा घाटी को रंगोली घाटी भी कहते है इस घाटी के अलावा लाहौल में गारा घाटी भी स्थित है जिसे चन्द्रा घाटी भी कहते है।   

पौटा घाटी (Paonta Valley)

पौंटा घाटी सिरमौर जिले में स्थित क्यारदा दून घाटी के नाम से प्रसिद्ध है यमुना नदी पौंटा घाटी को देहरादून घाटी से अलग करती है पौंटा घाटी की मुख्य नदियाँ ‘गिरी’ और ‘बांटा’ है कियारदा दून घाटी में लोगो को राजा शमसेर प्रकाश ने बसाया था एक समय ऐसा था जब यहाँ कोई भी नहीं रहता था यह पर जंगल ही जंगल थे कियारदा दून घाटी के प्रमुख कस्बे माजरा, धौलाकुआँ, पौंटा साहिब है। 

सरसा घाटी (Sarsa Valley)

सरसा घाटी सोलन जिले में स्थित नालागड़ से लेकर कालका तक फैली हुई है इस घाटी को औद्योगिक घाटी भी कहा जाता है कालका की शिवालिक पहाड़ियों से निकलने वाली बल्द नदी सरसा नदी का निर्माण करती है सरसा घाटी के औद्योगिक शहर नालागड़, बददी, परमाणु है इस घाटी के प्रमुख शहर कसौली, सनावर, हरिपुर, रामशहर है। 

गम्भर घाटी (Gambhar Valley)

गम्भर घाटी सोलन जिले को दो भागो में बाँटती है गम्भर घाटी ‘शड़ी’ नामक स्थान से सोलन जिले में प्रवेश करने के बाद बिलासपुर जिले में प्रवेश करती है गम्भर घाटी में स्थित ‘अर्की’ बाघल रियासत की राजधानी थी गम्भर घाटी के प्रमुख स्थल कुठार, बनलगी, जगजोत, महलोग, घड़सी आदि है।  

अशवनी घाटी (Ashwani Valley)

अशवनी घाटी शिमला से लेकर सोलन तक फैली हुई है अशवनी घाटी दायी ओर बघाटी और बायीं ओर क्योंथली भाषा बोली जाती है इस घाटी के प्रमुख शहर शिमला, चायल, सोलन, कण्डाघाट, तथा धर्मपुर है। 

पब्बर घाटी (Pabbar Valley)       

पब्बर घाटी शिमला जिले की रोहडू तहसील में स्थित है इसलिए पब्बर घाटी को रोहडू घाटी के नाम से भी जाना जाता है पब्बर घाटी के पानी की कमी को पब्बर नदी पूरा करती है पब्बर नदी का उदगम चांसल चोटी से होता है पब्बर घाटी हाटकोटी मंदिर से शुरू होकर टिकरी नामक स्थान पर खत्म होती है इस घाटी की उँचाई 1500 से 5000 मीटर तक है पब्बर घाटी में छोटी छोटी घाटियाँ भी है जहाँ पर खेती की जाती है।   

सतलुज घाटी (Satluj Valley)

सतलुज घाटी किन्नौर जिले के शिपकी नामक स्थान से लेकर बिलासपुर जिले तक फैली हुई है सतलुज घाटी जास्कर, बृहद हिमालय, धौलाधार पर्वत श्रृंखला को काटती हुई पंजाब के मैदानी इलाके में प्रवेश करती है रामपुर और बिलासपुर इस घाटी के किनारे बसे प्रमुख नगर है। 

चौतरा घाटी (Chauntra Valley)

चौतरा घाटी मण्डी जिले की जोगिन्दर नगर तहसील में स्थित है यह घाटी धौलाधार पर्वत श्रृंखला के नीचे वाले भाग में स्थित है। 

इमला-विमला घाटी (Emla-Vimla Valley)

इमला-विमला घाटी मण्डी जिले के शिकारीधार से परलोग के बीच में स्थित है इमला विमला दो अलग अलग जल धाराएँ है इस घाटी के उत्तर पूर्व में शिकारी धार, रायग़ढ़ गुहाड़,बगड़ा जैसे इलाके स्थित है तथा चिण्डी, बखरौट आदि इलाके स्थित है करसोग भी इस घाटी में स्थित है।

चुराह घाटी (Churah Valley)

चम्बा जिले में स्थित बैरा और स्यूल नदियाँ चुराह घाटी का निर्माण करती है अप्पर चुराह घाटी में महलवा और दराटी की जोत है जिन्हे पारकर के हम लाहौल स्पीति में पहुंचते है और तीसा के उत्तर में अड़ाऊ और चैहनी की जोत है जिसे पारकर के हम प्रसिद्ध चामुण्डा मंदिर पहुँचते है चुराह घाटी लगभग 35 प्रतिशत वनों से ढ़की हुई है तिस्सा और सलूणी इसी घाटी में स्थित है। 

कुनिहार घाटी (Kunihar Valley)

कुनिहार घाटी कुणी खड़्ड से शुरू होकर तकुरदिया तक फैली है और सोलन जिले में स्थित यह घाटी समुद्रतल से 100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है इसके अलावा सोलन जिले में सप्रून घाटी भी स्थित है। 

दावी घाटी (Davi Valley)

दावी घाटी बिलासपुर जिले में स्थित बांदला धार और बहादुरपुर धार के बीच में स्थित है।  

FAQ

Q: हिमाचल प्रदेश की किस घाटी को दूध व शहद की घाटी कहते हैं?

 Ans: हिमाचल प्रदेश की चम्बा घाटी को ‘दूध व शहद’ की घाटी कहते है।

Q: तीर्थन घाटी हिमाचल प्रदेश के किस जिले में स्थित है? 

Ans: तीर्थन घाटी हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित है।

Q: क्यारदा दून घाटी किस जिले में स्थित है?

Ans: क्यारदा दून घाटी सिरमौर जिले में स्थित है।

Q: लोसर की किन दो घाटियों के बीच कुंजुम देवी का मंदिर स्थित है?

 Ans: लोसर की लाहौल और स्पीति घाटियों के बीच कुंजुम देवी का मंदिर स्थित है।

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