Indian President in Hindi, President of India in Hindi 2023, India President Eligibility, Salary, Work & Power, Benefits (राष्ट्रपति की योग्यता और कार्य, भारत के राष्ट्रपति की कार्य और शक्तियां, योग्यता, शैक्षिक योग्यता, शपथ ग्रहण, वेतन, कार्यकाल, महाभियोग)
राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक होता है राष्ट्रपति के पास कुछ विशेष शक्तिया होती है लकिन राष्ट्रपति की कुछ शक्तियो का इस्तेमाल प्रधानमंत्री करता है जिनका इस्तेमाल देश के लिए किया जाता है राष्ट्रपति देश का सवैधानिक प्रधान भी कहाँ जाता है जैसे की देश के लिए कानून बनाना, युद्ध आक्रमण या आपातकाल लगाने का अधिकार राष्ट्रपति के पास है वर्तमान में भारत की 15वी राष्ट्रपति द्रोपती मुर्मू है भारत के 15 वी राष्ट्रपति के रूप में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के द्वारा 25 जुलाई 2022 को द्रोपती मुर्मू को शपथ दिलाई गयी। राष्ट्रपति देश की सेना का सुप्रीम कमांडर होते हैं आज हम इस लेख में आपको राष्ट्रपति की योग्यता, शपथ ग्रहण, कार्य शक्तिया, महाभियोग आदि के बारे में इस लेख में बतायेगे।

भारत के राष्ट्रपति
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भारत के राष्ट्रपति पद की योग्यताएं
सविधान के अनुच्छेद 58 के अनुसार:
- भारत का राष्ट्रपति बनने के लिए भारत का नागरिक होना आवश्यक है।
- भारत का कोई भी नागरिक जिसकी आयु 35 वर्ष से अधिक हो वह भारत राष्ट्रपति बन सकता है।
- राष्ट्रपति पद नियुक्त होने के लिए उम्मीदवार को लोकसभा का सदस्य बनने की योग्यता होना चाहिए।
- उम्मीदवार सरकार के अधीन चुनाव के समय कोई भी पद धारण नहीं कर सकता है।
- उम्मीदवार जितनी बार चाहे उतनी बार राष्ट्रपति बन सकता है।
- उम्मीदवार के पास कम से कम 50 प्रस्तावक और 50 समर्थक विद्यायक होने चाहिए।
भारत के राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण
अनुच्छेद 52 के अनुसार भारत का राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक होता है अनुच्छेद 60 में यह व्यवस्था दी गई है कि राष्ट्रपति अपना पद ग्रहण करने से पहले मुख्य न्यायाधीश अथवा उनकी अनुपस्थिति में सर्वोच्च न्यायालय के कोई भी अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीश के समक्ष शपथ लेगा। भारत के राष्ट्रपति को शपथ सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा दिलाई जाती है।
भारत के राष्ट्रपति के कार्य एवं शक्तियां
- राष्ट्रपति देश का सवैधानिक प्रधान होता है।
- भारत के राष्ट्रपति देश की थल सेना, वायु सेना और नौसेना के सुप्रीम कमांडर होते हैं।
- भारत के राष्ट्रपति ही चीफ जस्टिस, सुप्रीम कोर्ट और राज्यों के हाईकोर्ट के जजों, राज्यपालों, चुनाव आयुक्तों और दूसरे देशों में राजदूतों की नियुक्ति करते हैं।
- अनुच्छेद 72 के अनुसार भारत के राष्ट्रपति को किसी अपराध के लिए दोषी ठहराये गये किसी व्यक्ति की सजा को माफ करने का अधिकार है. वह किसी के मृत्युदंड को भी माफ कर सकते हैं।
- अनुच्छेद 352 के अनुसार देश में आपातकाल लगाने का अधिकार राष्ट्रपति के पास है. वह युद्ध या बाहरी आक्रमण की स्थिति में ऐसा कर सकते हैं।
- अनुच्छेद 356 के अनुसार किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र के विफल होने की स्थिति में राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर राष्ट्रपति वहां राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं।
- अनुच्छेद 75 के अनुसार प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति ही करता है।
- अनुच्छेद 80 के अनुसार साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखने वाले 12 व्यक्तियों को राज्यसभा के लिए मनोनीत कर सकते हैं।
- अनुच्छेद 360 के अनुसार भारत या उसके राज्य क्षेत्र के किसी भाग में वित्तीय संकट की दशा में वित्तीय आपातकाल घोषणा करने का भी अधिकार राष्ट्रपति के पास है।
- लोकसभा चुनाव में जब किसी भी दल या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता, तो राष्ट्रपति अपने विवेक से सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को आमंत्रित कर सकते हैं।
- सभी अंतरराष्ट्रीय समझौते और संधियां राष्ट्रपति के नाम पर ही होती हैं।
- संसद की तरफ से पारित कोई भी विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही कानून बनता है. राष्ट्रपति चाहें, तो उस विधेयक को कुछ समय के लिए रोक सकते हैं. विधेयक पर पुनर्विचार के लिए संसद को वापस भी भेज सकते हैं।
- देश के सभी कानून और सरकार के प्रमुख फैसले राष्ट्रपति के नाम पर ही होते हैं।
- राष्ट्रपति अपने अधिकारों का इस्तेमाल मंत्रिपरिषद की सलाह पर ही करते हैं।
भारत के राष्ट्रपति का वेतन
भारत के राष्ट्रपति का वेतन पांच लाख रुपया मासिक होता है जिसके लिए राष्ट्रपति को वेतन पर कोई भी टेक्स नहीं देना पड़ता राष्ट्रपति निशुल्क रहने के लिए घर और ससद द्वारा अन्य भत्ते दिए जाते है राष्ट्रपति के कार्यकाल दौरान उनके वेतन तथा भत्ते में किसी भी तरह की कमी नहीं की जा सकती है राष्ट्रपति को कार्यकाल के बाद 9 लाख रूपये वार्षिक निर्धारित की गई है।
भारत के राष्ट्रपति का कार्यकाल
- संविधान के अनुच्छेद 56 के अनुसार भारत के राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष तक होता है राष्ट्रपति 5 वर्ष की अवधि पूरी करने के बाद भी तब तक राष्ट्रपति पद पर रहेगा जब तक जब तक उसका कोई उत्तराधिकारी पद ग्रहण नहीं कर लेता।
- संविधान के अनुच्छेद 56 (2) के अनुसार राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र उपराष्ट्रपति को देगा जो इसकी सुचना लोकसभा के अध्यक्ष को देगा।
राष्ट्रपति पर महाभियोग
अनुच्छेद 61 के अनुसार राष्ट्रपति के द्वारा सविधान के प्रावधानों के प्रावधानों का उल्ल्घन करने पर ससद के किसी भी सदन द्वारा राष्ट्रपति पर महाभियोग लगाया जा सकता है परन्तु इसके लिए राष्ट्रपति को प्रस्ताव की सुचना 14 दिन पहले दी जाये जिसके लिए प्रस्ताव पर ससद के ¼ सदस्यों के हस्ताक्षर हो समस्त सदस्यों के कम से कम ⅔ बहुमत पारित हो तब वे दूसरे सदन के लिए भेजा जाता है उसके बाद दूसरा सदन राष्ट्रपति पर लगाए गए आरोपों को जाँच करेगा यदि दूसरा सदन भी प्रथम सदन की भांति महाभियोग के प्रस्ताव को समस्त सदस्यों के कम से कम ⅔ बहुमत से स्वीकार कर देता है तो उसी दिन से राष्ट्रपति पद रिक्त समझा जायेगा।
अध्यादेश जारी करने अधिकार
संविधान के अनुच्छेद 123 के अनुसार राष्ट्रपति के पास अध्यादेश जारी करने का अधिकार होता है संसद के सत्र में न होने की स्थिति में राष्ट्रपति के पास अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्राप्त है। अध्यादेश की शक्ति संसद द्वारा बनाए गए कानून के बराबर ही होती है और यह तत्काल लागू हो जाता है। इसका प्रभाव ससद सत्र के शरू होने से 6 सप्ताह तक रहता है परन्तु राष्ट्रपति राज्यों के विषयो पर अध्यादेश जारी नहीं कर सकता।

FAQ
Q. वर्तमान में भारत के राष्ट्रपति कौन हैं ?
Ans: वर्तमान में भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हैं।
Q. देश की पहली महिला राष्ट्रपति कौन थी?
Ans: देश की पहली महिला राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल थी।
Q. भारत के प्रथम राष्ट्रपति कौन थे?
Ans: डॉ राजेंद्र प्रसाद (First President of India: Dr. Rajendra Prasad) भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे।