भारत के 13 प्रमुख बंदरगाह | Major Ports of India in Hindi

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समुद्र, नदी या झील के तट पर जहाजों के रुकने के स्थान को “बंदरगाह” कहते है। जहाज अपने माल और यात्रियों को लाने और उतारने के लिए बंदरगाहों पर आना जाना करते है। अथवा, बंदरगाहों को आमतौर पर ऐसे स्थानों के रूप में पहचाना जाता है, जहां माल या उत्पाद को जहाजों और ट्रकों, ट्रेनों, पाईपलाइनों, भंडारण सुविधाओ या रिफाइनरियों के बीच स्थानांतरित / विस्थापन किया जाता है। जहाजों में आमतौर पर एक या एक से अधिक बंदरगाह या स्थान होता है, जहां वे रुकते है। बंदरगाह कच्चे माल के व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। उन्हे अक्सर उनके उद्देश्य के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है। उदाहरण के लिए:  पारादिप लौह अयस्क और कोयला का बंदरगाह है। तूतीकोरिन मोती मछली पालन के लिए प्रसिद्ध बंदरगाह है। कांडला बंदरगाह अनाज के निर्यात और तेल के आयात का बंदरगाह है। भारत में 13 प्रमुख बंदरगाह है।

Major Ports of India in Hindi
बंदरगाह का नामराज्य
कोलकाता पोर्टपश्चिम बंगाल
पारादीप पोर्टओडिसा
विशाखापत्तनम पोर्ट आंध्र प्रदेश
कामराजार पोर्टतमिलनाडु
चेन्नई पोर्टतमिलनाडु
तूतीकोरिन पोर्टतमिलनाडु
न्यू मैंगलोर पोर्टकर्नाटक 
मोरमुगाओ पोर्टगोवा 
मुंबई पोर्टमहाराष्ट्र
जवाहरलाल नेहरू पोर्टमहाराष्ट्र
कांडला पोर्टगुजरात 
पोर्ट ब्लेयर पोर्टअंडमान व निकोबार द्वीप समूह
कोचीन पोर्टकेरल

भारत के प्रमुख बंदरगाह

Table of Contents

कोलकाता बंदरगाह (Kolkata Port)

इस बंदरगाह को “श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह” के नाम से भी जाना जाता है, जो पश्चिम बंगाल में स्तिथ देश का सबसे पुराना नदी का बंदरगाह है। यह हुगली नदी के बांए किनारे पर स्तिथ है, जिसका निर्माण ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा किया गया था। काफी बड़े पैमाने पर होने के कारण इस बंदरगाह में 500 फीट की लंबाई तक के जहाजों को रखा जा सकता है। यह भारत का सबसे व्यस्त बंदरगाह होने के साथ साथ, अपने औपनिवेशिक काल के समय व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह लौह अयस्क, चमड़ा, कोयला, तांबा, स्टील और चाय का बिक्री हेतु माल देश से बाहर भेजने का एक प्रमुख बंदरगाह है।

पारादीप बंदरगाह (Paradip Port)

यह बंदरगाह ओडिसा के जगतसिंहपुर जिले में स्तिथ एकमात्र प्रमुख बंदरगाह है। 18 अप्रैल 1966 को भारत सरकार द्वारा इसे आठवां प्रमुख बंदरगाह घोषित किया गया था, जिसका निर्माण महानदी और बंगाल की खाड़ी के मिलने से हुआ है। इस समुद्र की सुंदरता, सदाबहार जंगल, और खाड़ियां आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करती है। लौह अयस्क और कोयला, जिनका मुख्य रूप से निर्यात करती है, और मछली व्यापार का भी ये प्रमुख केंद्र है।

विशाखापत्तनम बंदरगाह (Visakhapatnam Port)

यह बंदरगाह आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम शहर में है, जो चेन्नई और कोलकाता बंदरगाह के बीच में स्तिथ है। इस बंदरगाह को “विजाग बंदरगाह” के नाम से भी जाना जाता है। यह प्राकृतिक बंदरगाह सबसे पुराना और गहरा होने के साथ साथ सुरक्षित बंदरगाह भी है। विशेष रूप से कार्गो हैंडलर के मामले में यह दूसरा बड़ा बंदरगाह है। इस बंदरगाह के अंतर्गत 3 बंदरगाह है: आंतरिक बंदरगाह, बाहरी बंदरगाह और मछली पकड़ने का बंदरगाह। लौह अयस्क, तेल, कोयला, एल्यूमिना आदी जैसे अधिकांश समान का परिवहन यहीं से होता है।

कामराजार बंदरगाह (Kamarajar Port)

यह तमिलनाडु में कोरोमंडल तट पर, चेन्नई बंदरगाह से 24 किमी की दूरी पर स्तिथ है, जिसे पहले “एन्नौर बंदरगाह” के नाम से भी जाना जाता था। यह भारत का पहला कॉर्पोरेट बंदरगाह होने के साथ साथ एकमात्र निजीकरण व्यवसाय भी है, जो भारत का 12 वां प्रमुख बंदरगाह है। यह बंदरगाह सामान्य कंपनी के रूप में दर्ज़ है, और इसकी 67% भागीदारी सरकार के पास है। कोयला, लौह अयस्क, पेट्रोलियम उत्पादों आदि जैसे उत्पादों का बड़े पैमाने पर परिवहन किया जाता है।

चेन्नई बंदरगाह (Chennai Port)

चेन्नई बंदरगाह देश का दूसरा सबसे बड़ा ब्रेक बल्क/ कंटेनर (विभिन्न परिवहन वाहनो के बीच स्थानांतरित करना)बंदरगाह है। इसे बंगाल की खाड़ी में सबसे बड़े बंदरगाह के रूप में माना जाता है, जिसे पहले “मद्रास बंदरगाह” के नाम से जाना जाता था। यह मानव निर्मित बंदरगाह है, जिसे 1881 में खोला गया था। 1983 में इसे भारत का पहला समर्पित कंटेनर टर्मिनल और भारत का तीसरा पुराना बंदरगाह घोषित किया गया था। इस बंदरगाह पर बड़े पैमाने पर लौह अयस्क, कोयला, ग्रेनाइट, पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक, ऑटोमोबाइल इत्यादि जैसे समानों का निर्यात किया जाता है।

तूतीकोरिन पोर्ट (Tuticorin Port)

यह तमिलनाडु के थूथूकुडी जिले में स्तिथ एक कृत्रिम बंदरगाह है। इस बंदरगाह को “वी.ओ. चिंदबरनार बंदरगाह” के नाम से भी जाना जाता है। यह देश का चौथा सबसे बड़ा कंटेनर टर्मिनल होने के साथ साथ तमिलनाडु का दूसरा सबसे बड़ा बंदरगाह है, जो ख़ास कर श्रीलंका से माल का निर्यात करता है। बंगाल की खाड़ी में मोती मछली पालन के लिए यह बंदरगाह देशभर में व्यापक रूप से जाना जाता है। यदि सेतुसमुद्र शिपिंग नहर परियोजना पूरी तरह से तैयार हो जाए तो, भारत और श्रीलंका के बीच का मार्ग जो दो बड़े पानी के समूहों को जोड़ता है, जिससे नौकाएं एक जलाशय से दूसरी जलाशय तक जा सके, तो भविष्य में यह भारत का एक प्रमुख बंदरगाह बन जाएगा। कोयला, तेल, चीनी, नामक और पेट्रोलियम उत्पादों जैसे समानों का इस बंदरगाह से परिवहन होता है।

न्यू मैंगलोर बंदरगाह (New Mangalore Port)

यह कर्नाटक में स्तिथ एकमात्र बंदरगाह और और पश्चिमी तट का सबसे गहरा आंतरिक बंदरगाह है, जो अरब सागर के साथ गुरुपुरा नदी के संगम पर स्तिथ है। 4 मई 1974 को भारत सरकार द्वारा भारत का 9 वां प्रमुख बंदरगाह घोषित किया गया है। इसका उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 11 जनवरी 1975 को किया गया था। कर्नाटक के पनम्बुर पर स्तिथ होने के कारण इसे “पनम्बुर बंदरगाह” के नाम भी जाना जाता है। इस बंदरगाह पर लौह अयस्क, ग्रेनाइट, लकड़ियां, तेल की खली, मछलियां, खनिज तेल, खाद, मशीनरी इत्यादि का परिवहन इस बंदरगाह से होता है।

मोरमुगाओ बंदरगाह (Mormugao Port)

यह बंदरगाह गोवा में स्तिथ जुआरी नदी के पास स्तिथ एक प्राकृतिक बंदरगाह है, और  साथ ही भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में  से  एक है। वास्को द गामा और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे डबोलिम होने के कारण यह बंदरगाह आकर्षित है। इस बंदरगाह का निर्माण 1878 में ब्रिटिश कंपनी द्वारा, एंग्लो पुर्तगाली संधि के तहत समुद्री व्यापार सुधारने के उद्देश्य से किया गया था। 1885 में इस बंदरगाह का उद्घाटन हुआ और पहला एसएस वेस्टबॉर्न नाम का जहाज़ इस बंदरगाह पर लाया गया। इस बंदरगाह से लौह अयस्क, मैग्नीज, और नारियल आदि जैसे समानों का निर्यात किया जाता है।

मुंबई बंदरगाह (Mumbai Port)

यह महाराष्ट्र में स्तिथ एक प्राकृतिक और भारत का सबसे पुराना बंदरगाह है। इस बंदर को बॉम्बे बंदरगाह भी कहा जाता है। इस बंदरगाह का उदघाटन 6 दिसंबर 2016 को हुआ था। इसके तीन मुख्य डॉक है: प्रिंस डॉक, विक्टोरिया डॉक और एलैकजेनड्रा डॉक है। यह विश्व का प्रमुख बंदरगाह है, जो सालसट द्वीप पर स्तिथ है। इसलिए इसे भारत का “प्रवेश द्वार” भी कहा गया है। व्यस्त बंदरगाह होने के साथ साथ भारत का पांचवा विदेशी समुद्री कारोबार  का 20% निर्यात इसी बंदरगाह से होता है। इस बंदरगाह में द्वीप होने के कारण कच्चे माल और पेट्रोलियम उत्पादों को सुरक्षित रखा जा सकता है। इस बंदरगाह से चमड़े का सामान, तिलहन, लकड़ी, ऊन, कंटेनर सेवा इत्यादि का निर्यात किया जाता है।

जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (Jawaharlal Nehru Port)

यह महाराष्ट्र के ठाणे के खाड़ी में स्तिथ है। यह भारत का प्राकृतिक और देश को लगभग 56% कंटेनरों को संभालने के कारण यह व्यस्त बंदरगाहों में से एक है। मुंबई बंदरगाह में ज्यादा दबाव न होने के लिए इस बंदरगाह की स्थापना 1989 में प्रधानमंत्री द्वारा किया गया था। इस बंदरगाह को “न्हावा शेवा” के नाम से भी जाना जाता है। यह बंदरगाह सभी अंतरराष्ट्रीय जरूरतों को पूरा करता है, सेवाओं के अनुसार वातावरण, रेल और सड़क मार्ग से आंतरिक इलाकों तक जुड़ा हुआ है। इस बंदरगाह से कपड़ा, रसायन, मशीनरी, बोनलेस मीट और वनस्पति तेल आदि जैसे का व्यापार किया जाता है।

कांडला बंदरगाह (Kandla Port)

यह गुजरात में स्तिथ, भारत के सबसे अधिकतम लाभ वाले बंदरगाहों में से एक है। इसे “दीनदयाल बंदरगाह” के नाम से भी जाना जाता है। यह व्यस्त बंदरगाह होने के साथ साथ, कार्गो की मात्रा के अनुसार भारत का बड़ा बंदरगाह और व्यापार मुक्त क्षेत्र भी घोषित किया गया है। इसके निर्माण लगभग 1900 में  जिसका मुख्य उद्देश्य जल मार्ग क्षेत्र में समुद्री बंदरगाहों की कमी पूरा करने के लिए किया गया था। इस बंदरगाह पर मशीनरी, पेट्रोलियम उत्पाद, खाद्यान्न और तेलो आदि  का आयात निर्यात किया जाता है।

कोचीन बंदरगाह (Cochin Port)

यह केरल राज्य में स्तिथ प्राकृतिक बंदरगाह और जहाज़ निर्माण केंद्रों में से एक है, जो अरब सागर और हिंद महासागर समुद्र मार्ग पर स्तिथ है। इस बंदरगाह को “कोच्चि बंदरगाह” भी कहा जाता है। यह बंदरगाह भारत का पहला ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल था। सर रॉबर्ट बिस्ट्रो ने अगस्त 1936 में इस बंदरगाह को आधुनिक औजार और सुविधाओ के साथ सुरक्षित और प्रमुख बंदरगाह घोषित किया गया है। इस बंदरगाह से कॉफी, चाय, मसाले, नामक, उर्वरक इत्यादि सामग्री का विदेशों से व्यापार किया जाता है।

पोर्ट ब्लेयर बंदरगाह (Port Blair Port)

यह बंदरगाह अंडमान और निकोबार के पोर्ट ब्लेयर शहर में स्तिथ है। यह अंडमान और निकोबार का एकमात्र और भारत का 13वां प्रमुख बंदरगाह है, जो पोर्ट ब्लेयर पोर्ट ट्रस्ट द्वारा प्रचलित है। यह बंदरगाह उड़ान और जहाज़ के साधन से भारत के प्रमुख भूमि से जुड़ा हुआ है। 1 जून 2010 को यह बंदरगाह लागू किया गया था। इस बंदरगाह से मछली निर्यात किया जाता है।

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FAQ

Q. भारत का सबसे पुराना बंदरगाह कौन सा है?

Ans: कोलकाता बंदरगाह भारत का सबसे पुराना बंदरगाह है। 

Q. किस बंदरगाह को भारत का प्रवेश द्वार कहा गया है?

Ans: मुंबई बंदरगाह को भारत का प्रवेश द्वार कहा गया है।          

Q. विशाखापत्तनम बंदरगाह कहां और किस चट्टान के पीछे स्तिथ है ?

Ans: विशाखापत्तनम बंदरगाह आंध्र प्रदेश में डॉल्फिन नोज नामक चट्टान के पीछे स्तिथ है। 

Q. कौन सा बंदरगाह अरब सागर के साथ गुरूपुरा नदी के संगम पर स्तिथ है?

Ans: न्यू मैंगलोर बंदरगाह अरब सागर के साथ गुरूपुरा नदी के संगम पर स्तिथ है। 

Q. किस बंदरगाह को “अरब सागर की रानी” कहा गया है?              

Ans: कोचीन बंदरगाह बंदरगाह को “अरब सागर की रानी” कहा गया है। 

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