हिमाचल प्रदेश के प्रमुख मंदिर, हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिर, हिमाचल प्रदेश के तीर्थ स्थल (Himachal Pradesh ke Dharmik Sthal, Himachal Pradesh Temple in Hindi, Himachal Pradesh Temple list in Hindi, Temple in Himachal Pradesh in Hindi, Himachal Pradesh Famous Temple)
हिमाचल प्रदेश को देवी देताओ की भूमि भी कहा जाता है हिमाचल प्रदेश में कई प्रसिद्ध मंदिर पाये जाते है जिनमे से कुछ रहस्यमय मंदिर भी है जिनका संबध प्राचीन काल से है हर साल दूर दूर से लोग हिमाचल के प्रसिद्ध मंदिरो के दर्शन करने आते है जो दुनिया में बहुत प्रसिद्ध है आज हम आपको हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिरो के बारे जा रहे है।

हिमाचल प्रदेश के प्रमुख मंदिर
Table of Contents
मंदिरो के नाम | जिले के नाम |
मणिमहेश मंदिर | चम्बा |
हिडिम्बा देवी मंदिर | मनाली |
बिजली महादेव मंदिर | कुल्लू |
जाखू मंदिर | शिमला |
तारा देवी मंदिर | शिमला |
बैजनाथ मंदिर | काँगड़ा |
ज्वालामुखी मंदिर | काँगड़ा |
मसरूर रॉक कट मंदिर | काँगड़ा |
नैना देवी मंदिर | बिलासपुर |
शिकारी देवी मंदिर | मण्डी |
कमरुनाग मंदिर | मण्डी |
चिंतपूर्णी मंदिर | ऊना |
शूलिनी मंदिर | सोलन |
मणिमहेश मंदिर (Manimahesh Temple)
मणिमहेश मंदिर चम्बा के भरमौर जिले में स्थित है इस मंदिर का निर्माण राजा मेरुवर्मन ने करवाया था मणिमहेश मंदिर समुद्र तल से 13500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है जुलाई -अगस्त के दौरान तीर्थ यात्री मणिमहेश यात्रा करने जाते है यहां पर 7 दिन मेला भी लगता है जो की जन्माष्टमी के दिन समाप्त होता है।
लक्ष्मी नारायण मंदिर (Laxmi Narayana Temple)
लक्ष्मी नारायण मंदिर हिमाचल प्रदेश के चम्बा में स्थित है यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है इस मंदिर निर्माण साहिल वर्मन ने 10वी शताब्दी में करवाया था इस मंदिर का निर्माण शिखर शैली में हुआ है यह 6 मंदिरो समूह है।
हडिम्बा देवी मंदिर (Hadimba Devi Temple)
हिडिम्बा देवी मंदिर मनाली से 3 किलोमीटर दूर ढुंगरी के जंगल में स्थित है यह मंदिर भीम के पत्नी हडिम्बा देवी को समर्पित है इस मंदिर का निर्माण राजा बहादुर सिंह ने 1553 ई में करवाया था हडिम्बा देवी मंदिर में हर साल यहां पर मई महीने में ढुंगरी मेला लगता है।
शक्ति देवी मंदिर (Shakti Devi Temple)
शक्ति देवी मंदिर चम्बा से 60 किलोमीटर दूर छतराड़ी में स्थित है इस मंदिर का निर्माण 780 ई पूर्व मेरुवर्मन ने करवाया था शिल्पी गुग्गा ने इस मंदिर को बनाया था शिल्पी गुग्गा मेरुवर्मन का प्रमुख शिल्पकार था।
ज्वालामुखी मंदिर (Jwalamukhi Temple)
ज्वालामुखी मंदिर हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ज्वालामुखी मंदिर भारत 51 शक्तिपीठो में से यह मंदिर एक है ऐसा कहा जाता है की देवी सती की जीभ यहां गिरी थी इसलिए इस मंदिर को ज्वालामुखी के नाम से जाना जाता है यह मंदिर भारत के प्राचीन मंदिरों में से एक है ज्वालामुखी मंदिर को खोजने का श्रेय पाडवो को जाता है अकबर ज्वालामुखी मंदिर म सोने का छत्र चढ़ाया था जिसका रंग बदल गया था ज्वालामुखी मंदिर को जोता वाली का मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। 1365 ई में इस मंदिर को फिरोजशाह तुगलक ने लूटा था
ब्रजेस्वरी मंदिर (Bajreshwari Temple)
ब्रजेस्वरी देवी मंदिर काँगड़ा जिले में स्थित है ऐसा बताया जाता है की इस मंदिर का निर्माण महाभारत काल में पांडवो ने करवाया था इस मंदिर को आक्रमणकारियों द्वारा ने काफी बार लुटा गया है 1337 में इस मंदिर को मोहमद बिन तुगलक ने लूटा उसके बाद पांचवी शताब्दी में भी इस मंदिर को सिकंदर लोदी ने लूटा था ब्रजेस्वरी मंदिर को महमूद गजनवी ने तोडा था जिसको बाद में बनवा दिया गया था साल 1905 में आये भूकंप में यह मंदिर पूरी तरह नष्ट हो गया था जिसे सरकार ने 1920 में इस मंदिर को दोबारा बनाया गया था।
मसरूर रॉक कट मंदिर (Masroor Rock Cut Temple)
मसरूर रॉक कट मंदिर नागर शैली का बना हुआ है यह मंदिर काँगड़ा जिले में स्थित है 8वीं शताब्दी में बने इस मंदिर का निर्माण कश्मीर के राजा ललित्यदित्य ने करवाया था यह मंदिर भगवान भोलेनाथ को समर्पित है यहाँ का मुख्य धार्मिक स्थल ठाकुरद्वार है जिसमे राम, लक्ष्मण और सीता की पत्थर की मूर्ति है हिमाचल का अजंता मसरूर रॉक कट मंदिर को कहाँ जाता है। 1913 में मसरूर रॉक कट मंदिर की खोज का श्रेय एच् एल शटलवर्थ (H L Stallworth) को जाता है
बिजली महादेव मंदिर (Bijli Mahadev Temple)
बिजली महादेव मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले से 14 किलोमीटर दूर व्यास नदी के किनारे स्थित है यह रहस्यमय मंदिरों में से एक है इस मंदिर पर हर 12 साल में शिवलिंग पर आसमान से बिजली गिरती है लकिन इस मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुचा प्रमाणित कथा के अनुसार यहां विशालकाय घाट साँप के रूप में रहता है जिसका भोलेनाथ ने वध किया था बताया जाता है की भगवान इंद्र महादेव से आज्ञा लेकर हर 12 साल में बिजली गिरते है यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
वशिष्ठ मंदिर (Vashishtha Temple)
वशिष्ठ मंदिर हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिरों में एक है यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के मनाली में स्थित है माना जाता है की यह मंदिर 4000 साल पुराना है वशिष्ठ मंदिर ऋषि वशिष्ठ को समर्पित है ऋषि वशिष्ठ भगवान राम के कुल गुरु थे उनके नाम पर जिस गॉव में यह मंदिर स्थित है गॉव का नाम ऋषि वशिष्ठ के नाम पर पड़ा इस मंदिर के पास में स्थित गर्म पानी का झरना भी है जो बहुत पवित्र माना जाता है।
जामलू मंदिर (Jamlu Temple)
जामलू मंदिर कुल्लू जिले के मलाणा गाँव में स्थित है यह मंदिर ऋषि जमदग्नि को समर्पित है जिसे जामलू देवता के नाम से जाना जाता है।
जाखू मंदिर (Jakhu Temple)
जाखू मंदिर शिमला में स्थित प्राचीन मंदिरो में से एक है यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है जाखू मंदिर भगवान हनुमान जी की 108 फुट मूर्ति बनाई गई है यह मूर्ति 2010 में स्थापित की गई थी कहा जाता है की जब राम और रावण का युद्ध हो रहा था तब लक्ष्मण के मूर्छित हो जाने पर हनुमान संजीवनी बूटी लेने के लिए गये थे तो भगवान हनुमान जी ने यहां पर विश्राम किया था आज भी यहा पर हनुमान के पैरो के निशान है जाखू शब्द ऋषि याकू के नाम से लिया गया है जिन्होंने इस मूर्ति का निर्माण किया था।
तारा देवी मंदिर (Tara Devi Temple)
तारा देवी मंदिर शिमला से लगभग 5 किलोमीटर की दुर स्थित है यह मंदिर माँ तारा देवी को समर्पित है जो बगाल से हिमाचल आयी थी इस मंदिर में अष्टधातु की 18 भुजाओ वाली मूर्ति है इस अष्टधातु मूर्ति का निर्माण क्योंथल के राजा बलबीर सेन ने करवाया था और तारा देवी मंदिर भूपेंद्र सिंह ने बनवाया था।
हाटकोटी मंदिर (Hatkoti Temple)
हाटकोटी मंदिर शिमला से 104 किलोमीटर दूर रोहडू तहसील के हाटकोटी स्थित है यह मंदिर माता हाटकोटी को समर्पित है यहाँ पर महिषासुरमर्दिनी की अष्टधातु की अष्टभुजा वाली मूर्ति स्थापित है वीर प्रकाश ने इसका पुननिर्माण करवाया था।
भीमाकाली मंदिर (Bhimakali Temple)
भीमाकाली मंदिर शिमला जिले के सराहन में स्थित है रामपुर बुशहर द्वारा निर्मित यह मंदिर हिन्दू और बौद्ध श्रेणी का मिश्रण है राजकीय घराने के के महल इस मंदिर के सामने स्थित है किवदतियों के अनुसार इस स्थान पर देवी सती का कान यहाँ गिरा था सराहन की प्राचीन समय में शोणितपुर नाम से जाना जाता था।
संकटमोचन मंदिर(Sankat Mochan Temple)
संकटमोचन मंदिर शिमला जिले की खूबसूरत पहाड़ियों में स्थित है सकटमोचन मंदिर का निर्माण 1926 ई में नैनीताल के बाबा नीम करौरी ने करवाया था यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है संकटमोचन मंदिर तारा देवी मंदिर के पास में स्थित है।
बैजनाथ मंदिर (Baijnath Temple)
बैजनाथ या वैद्यनाथ मंदिर हिमाचल प्रदेश के प्रमुख प्राचीन मंदिरो में से एक है काँगड़ा जिले में स्थित बैजनाथ मंदिर 1126 मीटर की ऊचाई पर गोमती नदी के किनारे स्थित है बैजनाथ मंदिर का निर्माण 1204 ई में मयूक और आहुक ने करवाया था इस मंदिर का निर्माण शिखर शैली में किया गया है यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है बैजनाथ को पहले कार्तिक्यपुर के नाम से जाना जाता था जो की 12वीं और 13 वीं शताब्दी में वंश की राजधानी हुआ करती थी।
भूतनाथ मंदिर (Bhootnath Temple)
भूतनाथ मंदिर हिमाचल प्रदेश के मण्डी जिले में स्थित है यह मंदिर अर्धनारिशवर को समर्पित है भूतनाथ मंदिर का निर्माण 1526 ई में राजा अजबर सेन ने करवाया था।
शिकारी देवी मंदिर (Shikari Devi temple )
शिकारी देवी मंदिर मण्डी जिले के जंजैहली में स्थित है माना जाता शिकारियों ने अपनी जीत के लिए माँ की पूजा की थी इसलिए इस मंदिर को शिकारी देवी मंदिर के नाम से जाना है यह भी एक रहस्यमयी मंदिर में से एक है इस मंदिर में माँ की पूजा एक पत्थर के रूप में की जाती है इस मंदिर पर आज भी छत नहीं है जिसने भी इस मंदिर पर छत लगाने की कोशिश की वो कभी छत लगाने में सफल नहीं हुआ।
कमरूनाग मंदिर (Kamrunag Temple)
कमरुनाग मंदिर (झील) हिमाचल प्रदेश के मण्डी जिले से 51 किलोमीटर दूर करसोग में स्थित है समुद्र तल से कमरुनाग मंदिर की ऊंचाई 3334 मीटर है यहां पर हर साल मेला लगाया जाता है रोहांडा से कामरुनाग तक 6 किलोमीटर का पैदल रास्ता है कामरुनाग को यक्षों के राजा के सम्मान में बनाई गई थी इस झील को यक्ष का निवास भी मानते है इसका उल्लेख महाभारत में मिलता है कमरुनाग झील का निर्माण भीम ने किया था और कहा जाता है इस झील म लाखो करोड़ो रुपय का सोना चाँदी भी है जिसे कोई भी नहीं निकाल मनोकामना पूरी होने पर हर साल श्रद्धालु अपनी सरधा से सोना चाँदी चढ़ाते है।
नैना देवी मंदिर (Naina Devi Temple)
नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित प्रसिद्ध मंदिरो में से एक है यह मंदिर गुम्बद शैली से बना हुआ है नैना देवी मंदिर का निर्माण वीर चंद चंदेल ने 8वीं शताब्दी में करवाया था नैना देवी मंदिर को 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है मान्यताओं के अनुसार यहाँ पर माता सती के नयन गिरे थे इसलिए इस मंदिर का नाम नैना देवी पडा लोग बताते है की इस मंदिर में पीपल के पेड़ कई शताब्दी पुराने है।
गायत्री मंदिर (Gayatri Temple)
गायत्री मंदिर रेणुका में स्थित है इस मंदिर का निर्माण महात्मा पराया नंद ने करवाया था गायत्री माता को वेदों की भी कहाँ जाता है।
जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple)
जगन्नाथ मंदिर हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित है राजा बुद्ध प्रकाश ने इस मंदिर निर्माण 1681 ई में करवाया था यहाँ सावन द्वादशी को मेला लगता है।
त्रिलोकपुर मंदिर (Trilokpur Temple)
त्रिलोकपुर मंदिर सिरमौर जिले के त्रिलोकपुर में स्थित है त्रिलोकपुर मंदिर का निर्माण दीप प्रकाश ने 1573 ई में करवाया था यह मंदिर बाला सुंदरी को समर्पित है जिसे 84 घाटियों वाली देवी भी कहा जाता है।
चिंतपूर्णी मंदिर (Chintpurni Temple)
चिंतपूर्णी मंदिर हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित है यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है मान्यताओं के अनुसार यहाँ पर माता सती के चरण गिरे थे।
शूलिनी मंदिर (Shoolini Temple)
शूलिनी मंदिर हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित है माता शूलिनी बघाट रियासत के शासकों की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती है शूलिनी माता के नाम पर सोलन शहर का नामकरण हुआ।

FAQ
Q: मणिमहेश मंदिर किस जिले में है
Ans: मणिमहेश मंदिर चम्बा जिले में है
Q: नैना देवी का मंदिर कहां है
Ans: नैना देवी मंदिर बिलासपुर जिले में है
Q: ज्वालामुखी मंदिर को किसने लूटा था
Ans: ज्वालामुखी मंदिर को फिरोजशाह तुगलक ने लूटा था
Q: बैजनाथ मंदिर का निर्माण किसने करवाया
Ans: बैजनाथ मंदिर का निर्माण 1204 ई में मयूक और आहुक ने करवाया था
Q: बैजनाथ का पुराना नाम क्या था
Ans: बैजनाथ का पुराना नाम कार्तिकेयपुर था