हिमाचल प्रदेश की प्रमुख झीलें (कृत्रिम झीलें, प्राकृतिक झीलें, रिवालसर झील, रेणुका झील गोविन्द सागर झील) (Famous Lakes in Himachal Pradesh Artificial Lakes, Natural Lakes, Rewalsar Lake, Renuka Lake, Gobind Sagar Lake)
हिमाचल प्रदेश में अनेक प्रकार की झीलें पाई जाती है हिमाचल प्रदेश की प्रमुख झीलों को दो भागो में बाँटा गया है कृत्रिम झील और प्राकृतिक झील।

हिमाचल प्रदेश की प्रमुख झीलें
Table of Contents
झीलें के नाम | जिले के नाम |
गोविन्द सागर झील | बिलासपुर |
पौंग झील | काँगड़ा |
करेरी झील | काँगड़ा |
रेणुका झील | सिरमौर |
चमेरा झील | चम्बा |
खजियार झील | चम्बा |
रिवालसर झील | मण्डी |
पराशर झील | मण्डी |
पंडोह झील | मण्डी |
हिमाचल प्रदेश की कृत्रिम झीलें (Artificial Lakes of Himachal Pradesh)
गोविन्द सागर झील (Gobind Sagar Lake)
गोविन्द सागर झील हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित सतलुज नदी पर बनी हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी मानव निर्मित कृत्रिम झील है जिला मंडी के सलापड़ से बिलासपुर भाखड़ा गाँव तक गोविंद सागर झील लम्बाई 88 किलोमीटर और इसका क्षेत्रफ़ल 169 वर्ग किलोमीटर है 1963 में बनकर तैयार हुआ 226 मीटर ऊँचा भाखड़ा बाँध गोविन्द सागर झील पर ही बना है एशिया का सबसे ऊचा कंदरौर पुल गोविंद सागर झील पर स्थित है गोविन्द सागर झील का नाम सिखों के दसवे गुरु “गुरु गोविंद सिंह” के नाम पर रखा गया है।
पौंग झील (Pong Lake)
पौंग झील मानव निर्मित एक कृत्रिम झील है समुद्रतल से इसकी ऊंचाई 430 मीटर है व्यास नदी पर 1975 में महाराजा प्रताप सागर बांध बनने के कारण पौंग झील अस्तित्व में आई 42 किलोमीटर लम्बाई वाली पौंग झील काँगड़ा जिले में व्यास नदी पर बनी है पौंग झील को महाराजा प्रताप सागर बाँध के नाम से जाना जाता है 1960 में बनकर तैयार हुआ पौंग बाँध भी इसी पौंग झील पर स्थित है।
पंडोह झील (Pandoh Lake)
पण्डोह झील हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित व्यास नदी पर बनी है यह झील राष्ट्रीय राजमार्ग NH-21 के किनारे स्थित है पंडोह झील हिमाचल प्रदेश की सबसे छोटी कृत्रिम झील है इस झील की लंबाई 14 किलोमीटर है पण्डोह झील भी मानव निर्मित एक कृत्रिम झील है व्यास नदी पर पंडोह बांध बनने के बाद पंडोह झील अस्तित्व में आई।
चमेरा झील (Chamera Lake)
चमेरा झील चम्बा जिले में स्थित रावी नदी पर स्थित है जिसका निर्माण रावी नदी पर चमेरा बांध बनने के कारण हुआ है यह झील समुद्र तल से 892 मीटर ऊंचाई पर स्थित है चमेरा झील भी मानव निर्मित कृत्रिम झील है।
हिमाचल प्रदेश की प्राकृतिक झीलें (Natural Lakes of Himachal Pradesh)
हिमाचल प्रदेश में अनेक प्रकार की प्राकृतिक झीलें है जो कि हिमाचल प्रदेश के अलग अलग जिलों में पाई जाती है।
चम्बा जिले की प्राकृतिक झीलें
मणिमहेश झील (Manimahesh Lake)
मणिमहेश झील हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले से 100 किलोमीटर दूर भरमौर में 4200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है रक्षाबंधन को छोटा स्नान तथा राधा अष्टमी को बड़ा स्नान होता है यहा महिला स्नान के लिया गोरी कुण्ड और परुष स्नान के लिया शिवकुण्ड है मणिमहेश झील से 7 किलोमीटर दूर पर धनछो है जहाँ शिव ने भस्मासुर से बचने के लिए शरण ली थी।
खजियार झील (Khajjiar Lake)
खजियार को हिमाचल प्रदेश का मिनी स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है खजियार झील को यह नाम ‘पी ब्लेजर’ ने 7 जुलाई 1992 को दिया खजियार विशव का 160 वाँ स्थान है जिसे मिनी स्विट्ज़रलैंड नाम का दर्जा दिया गया है खजियार झील स्विट्ज़रलैंड की राजधानी बर्न से 6194 किलोमीटर दुरी पर है खजियार झील चम्बा से 27 किलोमीटर दूर डलहौजी में स्थित है समुद्रतल से इस झील के ऊंचाई 1951 मीटर है यह झील 1.5 किलोमीटर लम्बी और 1 किलोमीटर चौड़ी है।
लामा झील (Lama Lake)
लामा झील चम्बा के भरमौर उपमण्डल में स्थित है समुद्रतल से लामा झील की उँचाई 3962 मीटर है लामा झील को सात झीलों का समूह भी कहा जाता है लामा झील धौलाधार पर्वत श्रृंखला में पड़ती है और यहा पर एक छोटा सा शिव मंदिर भी स्थित है।
महाकाली झील (Mahakali Lake)
महाकाली झील हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले की चुराह तहसील के खुण्डी में चाजू पंचायत में स्थित है समुद्रतल से महाकाली झील की उँचाई 3657 मीटर है महाकाली झील देवी काली को समर्पित है।
गड़ासरू झील (Gadasru Lake)
गड़ासरू झील चम्बा जिले की चुराह तहसील देवी कोठी के पास स्थित है समुद्रतल से इस झील के उँचाई 3505 मीटर है इस झील की परिधि 1 किलोमीटर है गड़ासरू झील के किनारे माता काली का मंदिर स्थित है।
काँगड़ा जिले की प्राकृतिक झीलें
मछियाल झील (Macchial Lake)
मछियाली झील कांगड़ा जिले के नगरोटा बागवा में जौगल खड़्ड के पास स्थित है मछियाल झील के साथ ही महिन्द्र महादेव एव संतोसी माता का मंदिर स्थित है यह मछिन्द्र नाथ की तपोस्थली भूमि रही है जहाँ पर मछिन्द्र महादेव ने तपस्या की थी और उसी स्थान पर मछिन्द्र महादेव के मंदिर की स्थापना की थी।
डल झील (Dal Lake)
डल झील जिला काँगड़ा के धर्मशाला से 11 किलोमीटर दूर स्थित है समुद्रतल से डल झील की ऊंचाई 1775 मीटर है यहाँ भागसू नाथ का मंदिर है।
करेरी झील (Kareri Lake)
करेरी झील काँगड़ा जिले में स्थित 1810 मीटर की उँचाई पर स्थित है यह झील धर्मशाला से 28 किलोमीटर दूर है करेरी झील के किनारे स्थित मंदिर शिव को समर्पित है इस झील का का पानी लूणी नदी में जाकर मिलता है।
कुल्लू जिले की प्राकृतिक झीलें
सरयोलसर झील (Saryolsar Lake)
यह झील जालोरी दर्रे के दक्षिण पूर्व में 3100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है सरयोलसर झील की देवी बूढ़ी नागिन है जिसका मंदिर घियगी में स्थित्त है अभी नाम की नन्ही सी चिड़ियाँ ने इस झील के जल की सफाई करती है यह झील बजार उपमण्डल में स्थित है।
नैनसर झील (Nainsar Lake)
नैनसर झील बाहरी सिराज में भीमद्वार और श्रीखण्ड महादेव के बीच 4000 मीटर की उँचाई पर स्थित यह झील है श्रीखण्ड महादेव की यात्रा के दौरान यात्री यहां स्नान करते है।
दशहर झील (Dashir Lake)
दशहर झील मनाली से 25 किलोमीटर दूर रोहतांग दर्रे पर स्थित है समुद्रतल से इस झील की ऊंचाई 4200 मीटर है दशहर झील का पानी पीने या स्नान करने से शरीर के दुःख दूर हो जाते है इस झील में स्नान करने से अकबर की पुत्री का अधरंग ठीक हुआ था।
डैहनासर झील (Dehnasar Lake)
डैहनासर झील कुल्लू जिले में समुद्रतल से 15000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है इस झील के पास भगवान शिव ने त्रिशूल से डायन का वध किया था।
भृगु झील (Bhrigu Lake)
भृगु झील मनाली से 13 किलोमीटर दूर 4240 मीटर की ऊंचाई पर विशिष्ट गाँव के समीप स्थित है यह झील शुक्र के पिता महर्षि भृगु की तपोस्थली थी और ऋषि भृगु के नाम से प्रसिद्ध है ऐसा माना जाता है की यहाँ हर साल देवी देवता स्नान करने के लिये आते है।
मनतलाई झील (Mantalai Lake)
मनतलाई झील से पार्वती नदी निकलती है समुद्रतल से 4116 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
इन झीलों के अलावा कुल्लू जिले में हंसा, सरीताल, झीलें स्थित्त है।
मण्डी जिले की प्राकृतिक झीलें
रिवालसर झील (Rewalsar Lake)
रिवालसर झील हिन्दू, सिख व बौद्ध तीनो धर्मों के लोगों का तीर्थ स्थान है सन 1665 ई में गुरु गोविन्द सिंह ने रिवालसर झील की यात्रा की थी इस झील को तैरते हुए टापुओं की झील कहते है यह लोमष ऋषि की तपोस्थली रही है रिवालसर झील 1360 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है बौद्ध धर्म के लोग रिवालसर झील को पद्माचन और तिब्बती समुदाय में छो पद्मा के नाम से प्रसिद्ध है बौद्ध भिक्षु पदमसम्भव के जन्म दिन पर छेचशु का मेला लगता है।
पराशर झील (Prashar Lake)
पराशर झील मण्डी से 40 किलोमीटर दूर समुद्रतल से 2743 मीटर की उँचाई पर स्थित है इस झील के साथ में पगोड़ा शैली से बना ऋषि पराशर का मंदिर स्थित है ऋषि पराशर वेद व्यास के पिता थे पराशर झील में भी गोलाकार तैरता हुआ टापू दिखाई देता है।
कामरूनाग झील (Kamrunag Lake)
कामरूनाग झील मण्डी से 40 किलोमीटर दूर चिच्योट तहसील में स्थित है यह झील 3150 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जब किसी की मनोकामना पूरी हो जाती है तो वो लोग कमरुनाग झील में सोने चाँदी और सिक्के चढ़ाते है जिससे कमरूनाग झील में लाखों करोड़ो रुपयों का सोना चाँदी और पैसे झील में पड़े है जिनको कोई निकल नही सकता है।
कुंतभयोग झील (Kuntbhyog Lake)
कुंतभयोग झील रिवालसर झील से 4 किलोमीटर दूर नैना देवीधार 1700 मीटर की उँचाई पर स्थित है कुंतभयोग झील का संबंध पांडवों की माता कुंती से है जब माता कुंती को प्यास लगी थी तब अर्जुन ने तीर मार कर इस झील से पानी निकाला था।
इन झीलों के अलावा मण्डी जिले में कालासर, सुखसार, लीलासर, खदलासर, डवारु सर झील स्थित है।
लाहौल-स्पीति जिले की प्राकृतिक झीलें
नीलकण्ठ झील (Neelkanth Lake)
नीलकण्ठ झील लाहौल स्पीति के नैनगाहर घाटी में स्थित है इस झील में केवल पुरुषों को आने की आज्ञा है लाहौल के स्थानीय लोग ने महिलाओं को इस झील में जाने की आज्ञा नहीं दी है यह झील नीले रंग की है इसलिए इस झील को नीलकण्ठ झील कहा जाता है।
चन्द्रताल झील (Chandratal Lake)
चन्द्रताल झील को ह्यूनत्सांग ने लोहित्य सरोवर का नाम दिया था यह झील 4700 मीटर की ऊंचाई पर लाहौल स्पीति में स्थित है चन्द्रा नदी का उद्गम चंद्रताल झील से होता है चन्द्रताल झील भारत की प्रमुख झीलों में से एक है।
सूरजताल झील (Suraj Tal Lake)
सूरजताल झील 4883 मीटर की उचाई पर लाहौल स्पीति में जिले बारालाचा दर्रे के समीप स्थित है इस झील से भागा नदी का उदगम होता है सूरजताल झील को Lake of Sun नाम से भी जाना जाता है।
दीपकताल झील (Deepak Tal Lake)
दारचा और बारालाचा के बीच में 3200 मीटर की उचाई पर दीपकताल झील स्थित है दीपकताल झील को सूरजताल झील का छोटा भाई माना जाता है।
इन झीलों के अलावा लाहौल स्पीति जिले में धनकर, सिस्सू, युनामसा झील स्थित है।
सिरमौर जिले की प्राकृतिक जिले
रेणुका झील (Renuka Lake)
रेणुका झील हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील है नाहन से 45 किलोमीटर दूर 660 की उँचाई पर सिरमौर जिले में स्थित है इस झील की कुल लम्बाई 2.5 किलोमीटर है विश्व की प्राकृतिक झीलों में रेणुका झीलों 13वे स्थान पर है रेणुका झील का आकार सोई हुई स्री की तरह है रेणुका विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम की माता है रेणुका को अपने पुत्र परशुराम के हाथों बलिदान होना पड़ा परशुराम ने अपने पिता जमदगिन की आज्ञा का मान रखते हुए ऐसा किया जमदगिन को जामलू देवता के रूप में जाना जाता है और यह कार्तिक मास से 5 दिन तक अंतरास्ट्रीय रेणुका मेला मनाया जाता है।
सुकेती झील (Suketi Lake)
सुकेती झील सिरमौर जिले में सुकेती जीवाश्म पार्क के निकट है यह झील मारकण्डा नदी के बाएं किनारे स्थित है।
शिमला जिले की प्राकृतिक झीलें
चन्द्रनाहन झील (Chandranahan Lake)
चन्द्रनाहन झील शिमला जिले के रोहडू उपमण्डल में स्थित है यह झील समुद्रतल से 4267 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है चन्द्रनाहन झील से पब्बर नदी का उद्गम होता है यह झील 7 सरोवरों का समूह है।
तानु जुब्बल, गढ़ कुफर, कराली, बरादोनसर झील ये सभी झीले भी हिमाचल प्रदेश शिमला जिले में स्थित है।
किन्नौर जिले की प्राकृतिक झीलें
नाको झील (Nako Lake)
नाको झील किन्नौर जिले में समुद्रतल से 3662 मीटर की उँचाई पर हंगरंग घाटी में स्थित है इसके अलावा सोरंग झील भी किन्नौर जिले में स्थित है।

FAQ
Q: हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील कौन सी है
Ans: हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील रेणुका झील है।
Q: हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी कृत्रिम झील कौन सी है?
Ans: हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी क्रत्रिम झील गोविंद सागर झील है।
Q: रिवालसर झील किस जिले में है?
Ans: रिवालसर झील मण्डी जिले में स्थित है।
Q: नाको झील कहाँ है?
Ans: नाको झील किन्नौर में स्थित है।
Q: पराशर झील कौन से जिले में है?
Ans: पराशर झील मण्डी जिले में स्थित है।