हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध त्यौहार, किन्नौर के त्यौहार, हिमाचल प्रदेश के त्योहारों के नाम, (Festival of Himachal Pradesh in Hindi, Famous Festival of Himachal Pradesh, Festival of Kinnaur, Himachal Pradesh Festival Name)
हिमाचल प्रदेश के सभी जिले में अनेक प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है मौसम के अनुसार यहां कई तरह के त्यौहार मनाये जाते है हिमाचल प्रदेश के त्यौहार धर्म, संस्कृति और मौसम से जुड़े होते है यहां के लोग हर त्यौहार को अपनी अपनी परम्परा से मनाते है और बड़े ही धूम धाम से मनाते है हिमाचल प्रदेश के लोग अपनी विवाहित बेटियों को त्यौहार के समय अपने घर बुलाने का रिवाज है हिमाचल प्रदेश में मनाये जाने वाले विभिन्न प्रकार के निम्नलिखित त्यौहार है।

हिमाचल प्रदेश के प्रमुख त्यौहार
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चेरवाल का त्यौहार(Cherwal Festival)
आग का त्यौहार चेरवाल त्यौहार को अगस्त महीने में मनाया जाता है इस त्यौहार में लोग चिड़े की पूजा करते है और चिड़े के ही गीत गाये जाते है प्रथम असुज को चिड़े से उतारकर गोबर के ढेर पर फेंक दिया जाता है जहाँ से उसे खेतों में लाया जाता है इसे पृथ्वी पूजा भी कहते है कुल्लू में इस त्यौहार को बदराजो और चम्बा में इस त्यौहार को पतरोडू कहते है इस त्यौहार पर पतरोडू (अरबी के पत्ते) के पकवान बनाये जाते है।
वैसाखी का त्यौहार(Baisakhi Festival)
वैसाखी का त्यौहार फसल से जुड़ा हुआ है हिमाचल प्रदेश वैसाखी त्यौहार को अलग अलग नाम से जाना जाता है जैसे की सिरमौर में विशु, किनारों में बीस, कांगड़ा में विसोबा और चम्बा-पांगी में लिशू नाम नाम से यह त्यौहार प्रसिद्ध है बैसाखी के दिन हिमाचल प्रदेश के लोग अलग-अलग झील में जाकर स्नान करते हैं इस दिन मण्डी के लोग रिवालसर एवं पराशर झील में बिलासपुर के लोग मारकंडा में कांगड़ा के लोग बंगाना और शिमला के लोग तत्तापानी एवं गिरी गंगा तीर्थन स्थान में स्नान करते हैं इस दिन शिमला और सिरमौर जिले में माला नृत्य किया जाता है।
फुलैच का त्यौहार(Phulaich Festival)
फुलैच त्यौहार हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले का प्रसिद्ध त्योहार है यह त्यौहार फूलों के रूप में मनाया जाता है फुलैच त्यौहार को उख्याग भी कहा जाता है।
फागुली का त्यौहार(Faguli Festival)
फागुली का त्यौहार बसंत पंचमी के दिन किन्नौर जिले में फरवरी-मार्च में मनाया जाता है इस दिन लोग कागज पर बने रावण के चित्र को धनुष से निशाना लगाते हैं जिसे लंका मारना या लंका दहन कहते हैं।
बूढी दीवाली का त्यौहार(Budi Diwali Festival )
पहाड़ो में दीवाली के एक माह पहले ही बूढ़ी दीवाली का त्यौहार मनाया जाता है इस दिन बलराज को जलाया जाता है सभी लोग शाम को आग जलाकर उसके पास इकट्ठा हो कर रामायण और महाभारत गाते हुए नाचते है इसी समय देवताओं और राक्षसों के बीच युद्ध का अभिनय किया जाता है जिसमे देवताओ को विजयी दिखाया जाता है।
जागरा का त्यौहार(Jagra Festival)
जागरा का त्यौहार भादों मास में शिमला, सिरमौर और किन्नौर क्षेत्र में महासू देवता की याद में मनाया जाता है हर साल शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन महासू देवता के समान में लोग व्रत रखते है रात भर चलने वाले इस पूजन में लोग किसी भी देवता के प्रति भक्ति के गीत गाए जाते है और महासू देवता की प्रशंसा में बीसू गीत भी गाए जाते है।
हरियाली का त्यौहार(Hariyali Festival)
हरियाली का त्योहार वर्षा ऋतु के रूप में मनाया जाता है लाहौल में इस त्यौहार को शैगतरेम जुब्बल एव किन्नौर में दशनैन काँगड़ा में हरियाली और शिमला में रहयाली कहा जाता है लाहौल में इस दिन सत्तू और घी के टोटू बनाकर उन्हें गेफान (गुरु घण्टाल) को अर्पित किया जाता है।
रक्षाबंधन का त्यौहार(Raksha Bandhan Festival)
रक्षाबंधन का त्यौहार अगस्त महीने में मनाया जाता है इस दिन सभी बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती हैं रक्षाबंधन को शिमला में रक्षा पुण्या, मण्डी और सिरमौर में सलोनू और बिलासपुर में रखिनुआ कहा जाता है।
शिवरात्रि का त्यौहार(Shivratri Festival)
शिवरात्रि का त्यौहार फरवरी महीने में कृष्ण पक्ष के चौदहवें दिन मनाया जाता है इस दिन लोग व्रत रखते है और लोग शिवजी की पूजा करते है इस दिन लोग शिवजी की पिंडी पर बेल के पत्ते और दूध चढ़ाते है बच्चे इस दिन कारागोरा और पाजा नामक झाड़ियों की कोमल टहनियों को घर के दरवाजे पर लगाते है।
सायर का त्यौहार(Sayar Festival)
सायर का त्यौहार काँगड़ा घाटी का प्रमुख त्यौहार है यह त्यौहार औसुज के पहले दिन मनाया जाता है इस दिन वर्षा की समाप्ति मानी जाती है इस इस अवसर पर मक्की की फसल पक के तैयार हो जाती है गद्दी लोग इस त्योहार को मनाने के बाद निचली घाटियों में चले जाते है शिमला की पहाड़ियों के नाई गाँव के अमीर लोगो को शीशा दिखते है और अमीर लोग उन्हें इनाम देते है।
गोची का त्यौहार(Gochi Festival)
गोची का त्यौहार चन्द्राभागा घाटी लाहौल में मनाया जाता है यह त्यौहार तब मनाया जाता है जब किसी के घर में एक वर्ष पहले पुत्र का जन्म हुआ होता है उन घरों में यह त्यौहार मनाया जाता है यह एक प्रकार का पुत्र जन्म त्यौहार भी माना जाता है।
साजो का त्यौहार(Sazo Festival)
यह त्यौहार फाल्गुन मार्च माह में मनाया जाता है इस दिन देवता मंदिर से इन्द्र्लोक चले जाते है इस दिन मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते है साजो त्यौहार को देवताओं की विदाई का त्यौहार भी कहते है।
चैतरुल का त्यौहार(Chatraul Festival )
चन्द्र गणना के अनुसार ‘चैत्र’ अप्रैल का महीना वर्ष का पहला महीना होता है इस दिन ‘ढाक और तुरी’ जाति के लोग नववर्ष के गीत गाते हुए गॉंव गाँव जाते है भरमौर में इस त्यौहार को ‘ढोलरू’ सिरमौर में चैतरुल और कुल्लू में ‘चतराली या चतरा’ कहते है।
खोजाला का त्यौहार(Khojala Festival)
दीपावली का त्यौहार लाहौल में जनवरी महीने में मनाया जाता है जिसे लोग खोजाला कहते है हिमाचल प्रदेश के ऊपरी पहाड़ी इलाकों के सभी लोग ‘गेफान’ और ‘ब्रजेश्वरी देवी’ के नाम पर देवदार की पत्तियाँ आग में डालते है इस दिन हिमाचल का मशहूर पकवान बबरू बनते है
नवाला का त्यौहार(Nawala Festival)
नवाला त्यौहार गद्दियों का प्रसिद्ध त्यौहार है जिसमे गद्दी लोग रात भर शिवजी की पूजा करते है घर के पास चावल के आटे से चौका बनाकर शिवजी की पिण्डी स्थापित की जाती है पिण्डी पर फूल की मालाएँ चढ़ाई जाती है पुजारी अनुष्ठान करवाता है और लोग भेंट चढ़ाते है बकरियों की बलि भी दी जाती है इस दिन लोग रात भर शिवजी के गीत गाते है।
भुण्डा का त्यौहार(Bhunda Festival)
भुण्डा उत्सव ब्राह्मणो का शान्द राजपूतो का और भोज कोलियो का त्योहार है भुण्डा उत्सव बारह वर्ष बाद मनाया जाता है कुल्लू के निरमण्ड भुण्डा त्योहार सबसे प्रसिद्ध है इस दिन परसुराम की पूजा ‘मण्डी में काओ और ममेल’ कुल्लू में निरमण्ड एव नीरथ और ‘शिमला के दत्तनगर’ इन प्रमुख पांच स्थानों पर होती है।
शान्द उत्सव: शान्द का शाब्दिक अर्थ है शान्ति और समृद्वि। शान्द उत्सव भी बारह साल बाद मनाया जाता है इस उत्सव में ग्राम देवता के नाम पर बलियाँ दी जाती है यह सर्दियों में मनाया जाता है।

FAQ
Q: हिमाचल प्रदेश में मनाए जाने वाले त्योहारों के नाम
Ans: पोरी, हल्दा, गोची, भुण्डा उत्सव हिमाचल प्रदेश में मनाए जाने वाले प्रमुख त्यौहार है
Q: हिमाचल प्रदेश के किस जिले में फुलाइच मेला मनाया जाता है
Ans: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में फुलईच त्योहार मनाया जाता है
Q: फुलिच राज्य का एक रंगीन त्योहार है
Ans: फुलिच हिमाचल प्रदेश राज्य का एक रंगीन त्यौहार है
Q: भोजरी उत्सव हिमाचल प्रदेश के किस स्थान पर मनाया जाता है
Ans: भोजरी उत्सव हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले में मनाया जाता है
Q: हिमाचल प्रदेश में फसलों से संबंधित कौन से त्योहार मनाए जाते हैं
Ans: हिमाचल प्रदेश में फसलों से संबंधित लोहड़ी का त्योहार मनाए जाते हैं